Balasore Train Accident: बालासोर ट्रेन हादसे (Train Accident) में मौतों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. लोगों को बचाने के लिए तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. फंसे लोगों को डिब्बे काटकर बाहर निकाला जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया था.
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Odisha Train Accident: किसे पता था जिन ट्रेनों पर भरोसा था कि उन्हें मंजिल तक पहुंचाएगी वही ट्रेन उनकी जिंदगी का आखिरी सफर साबित होगी. ओडिशा (Odisha) के बालासोर (Balasore) में बीती शाम 7 बजे ऐसा हादसा हुआ जो इतिहास के काले पन्नों में दर्ज हो गया. हावड़ा से चेन्नई सेंट्रल जाने के लिए कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) दोपहर के साढ़े 3 बजे अपने तय समय पर चली थी. ट्रेन जैसे ही ओडिशा के बालासोर क्रॉस कर बहनागा बाजार पहुंची अचानक जोर से आवाज आई. ट्रेन के 10 से 12 डिब्बे पटरी से उतर गए. ये डिब्बे दूसरे ट्रैक पर मालगाड़ी से भिड़ गए. कुछ बोगियां तो मालगाड़ी के ऊपर भी चढ़ गईं. कुछ ही देर में दूसरी तरफ से आ रही यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस पटरी पर पड़े कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे से जा टकराई और इस ट्रेन के भी चार डिब्बे पटरी से उतर गए. हादसा कितना भयानक था इसका पता डिब्बों की हालत देखकर ही लगाया जा सकता है. इसके बाद तो हर तरफ हाहाकार मच गया. हादसे के शिकार डिब्बों के अंदर से चीख पुकार की आवाजें आने लगी.
आपस में भिड़ गईं तीन ट्रेनें
कुछ ही पलों में साफ हो गया कि तीन ट्रेनों की टक्कर में कई जिंदगियों का सफर अधूरा ही रह गया तो कई लोगों ने अपना सब कुछ गंवा दिया. बालासोर में हुए इस रेल हादसे में अब तक 233 लोगों के जान गंवाने की जानकारी मिल चुकी है. हादसे में 900 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हो गए हैं. हादसे के तुरंत बाद ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए और मोबाइल की लाइट जलाकर लोगों को डिब्बों के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालना शुरू कर दिया.
अस्पताल में कम पड़ गए बेड
बता दें कि हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे विभाग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. पुलिस और फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने मोर्चा संभाल लिया. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी एक्टिव हो गईं. हादसे के शिकार डिब्बों के अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया. कुछ ही देर में शवों का अंबार लग गया. ट्रेन के अंदर फंसे लोगों को बालासोर, भद्रक और आस-पास के शहरों के कई अस्पतालों में ले जाया गया. घायलों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि बेड भी कम पड़ गए.
बालासोर में राहत-बचाव कार्य जारी
ट्रेन के अंदर फंसे लोगों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया जा रहा है. राज्य सरकार की तरफ से इसके लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक खुद कंट्रोल रूम पहुंचे और अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य के लिए निर्देश दिया. राज्य सरकार की तरफ से 50 डॉक्टर घटनास्थल की तरफ रवाना कर दिए गए. साथ ही फायर सर्विस टीम के 500 से ज्यादा वर्कर्स को राहत बचाव कार्य के लिए लगाया गया. राहत-बचाव में कोई दिक्कत नहीं हो. इसके लिए टावर लाइट्स भी मुहैया कराई गई.
मुआवजे का हुआ ऐलान
बालासोर ट्रेन हादसे पर पीएम मोदी ने दुख जताया है. ट्रेन हादसे में मरने वालों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान भी किया गया है. मृतकों के परिजनों के 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा की गई है. वहीं, गंभीर रूप से घायल पीड़ितों के लिए 2-2 लाख की अनुग्रह राशि देने को भी कहा गया है. इसके अलावा आज हादसे वाली जगह पर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव जाएंगे. वे हालात का जायजा लेंगे. अस्पताल जाकर घायलों से भी मुलाकात कर सकते हैं.
सबसे पहले बालासोर स्टेशन से एनडीआरएफ की 22 सदस्यों वाली टीम मौके पर पहुंच गई. इसके बाद एनडीआरएफ की दो और टीमें भी मौके पर पहुंच गईं. साथ ही बाकी टीमों को भी भुवनेश्वर और दो टीमों को कोलकाता से रवाना कर दिया गया. हादसे की किसी भी तरह की जानकारी के लिए रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जिसके जरिए परिजन दोनों ट्रेनों में सफर कर रहे यात्रियों की जानकारी ले सकते हैं.
जान लें कि इस भीषण हादसे के बाद, उस रूट से गुजरने वाली कई ट्रेनों के रूट बदल दिए गए तो कई ट्रेनें कैंसिल कर दी गईं. दूसरी तरफ ट्रेन की डिब्बों की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनमें अभी और कई जिंदगियां फंसी पड़ी है. फिलहाल पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा और ये कब तक जारी रहेगा कुछ कहा नहीं जा सकता.
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