चुनावनामा: मतदाताओं ने नकारे 1025 उम्‍मीदवार, 494 नहीं बचा सके अपनी जमानत
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चुनावनामा: मतदाताओं ने नकारे 1025 उम्‍मीदवार, 494 नहीं बचा सके अपनी जमानत

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के लिए प्रत्‍याशियों के नामांकन की प्रक्रिया जारी है. यह प्रक्रिया पूरी हो इससे पहले हम आपको बातते हैं 1957 में हुए देश के दूसरे लोकसभा चुनाव का हाल. 1957 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनसंघ के 4, सीपीआई के 24, प्रजा सोशलिस्‍ट पार्टी के 55 और क्षेत्रीय दलों के 40 उम्‍मीदवारों की इस चुनाव में जमानत जब्‍त हो गई थी.    

चुनावनामा: मतदाताओं ने नकारे 1025 उम्‍मीदवार, 494 नहीं बचा सके अपनी जमानत

नई दिल्‍ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के लिए प्रत्‍याशियों ने अपना नामाकंन शुरू कर दिया है. अब 23 मई को पता चलेगा कि सफलता का ऊंच किस करवट बैठेगा. 2019 के लोकसभा चुनावों के नतीजे से पहले हम चुनावनामा में आपको 1957 में हुए देश के दूसरी लोकसभा चुनाव में ले चलते हैं. देश का नीति निर्धारक बनने के लिए 1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में 1519 प्रत्‍याशियों ने अपनी दावेदारी पेश की थी. जिसमें सर्वाधिक 490 प्रत्‍याशियों की दावेदारी इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से पेश की गई थी. 1957 के इस चुनाव में भारतीय जनसंघ के 130, सीपीआई के 130 और प्रजा सोशलिस्‍ट पार्टी के 189 प्रत्‍याशी चुनावी मैदान में थे. इसके अलावा, क्षेत्रीय दलों के 119 और 481 निर्दलीय प्रत्‍याशियों ने जनता के समक्ष अपनी दावेदारी पेश की थी. हालांकि यह बात दीगर है कि कुल 494 लोकसभा सीटों के लिए हुए इस चुनाव में 1025 दावेदार जीत हासिल करने में नाकाम हुए थे. इसके अलावा, चुनाव में 494 उत्म्‍मीदवार अपनी जमानत बचाने में भी असफल रहे थे. 

  1. 1957 में कांग्रेस को मिली पहले लोकसभा चुनाव से बड़ी सफलता
  2. सर्वाधिक पीएसपी के सर्वाधिक 55 प्रत्‍याशियों की जब्‍त हुई जमानत
  3. दूसरे लोकसभा चुनाव में INC के 2प्रत्‍याशियों की भी जमानत जब्‍त

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1957 में कांग्रेस को मिली पहले लोकसभा चुनाव से बड़ी सफलता
आजादी के बाद कांग्रेस देश का सबसे बड़ा राजनैतिक दल था. आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लगभग सभी नेता कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे. इसी का नतीजा है कि 1951 में हुए देश के पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 479 सीटों पर चुनाव लड़कर 364 सीटों पर जीत हासिल की थी. 

उस दौर में कांग्रेस के खिलाफ खड़े राजनैतिक दलों को आशा थी कि समय के साथ कांग्रेस के नेताओं की लोकप्रियता कम होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने 490 सीटों पर अपने उम्‍मीदवार उतारे और 371 उम्‍मीदवारों ने जीत दर्ज की. कांग्रेस की यह जीत 1951 में हुए देश के पहले लोकसभा चुनाव से बड़ी जीत थी.  

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1957 के लोकसभा चुनाव मं 494 उम्‍मीदवारों की जब्‍त हुई जमानत
देश के दूसरे लोकसभा चुनाव में 494 ऐसे उम्‍मीदवार थे, जिनको मतदाताओं से सिरे से नकार दिया. ये उम्‍मीदवार चुनाव में अपनी जमानत बचाने में भी असफल रहे. जमानत बचा पाने में असफल रहे उम्‍मीदवारों में सर्वाधिक निर्दलीय थे. इस चुनाव में कुल 481 निर्दलीय उम्‍मीदवार चुनावी मैदान में थे. 

जिसमें महज 42 उम्‍मीदवारों ने जीत दर्ज की और 324 उम्‍मीदवारों की जमानत जब्‍त हो गई. कांग्रेस के भी दो उम्‍मीदवार ऐसे थे, जिनकी जमानत 1957 के चुनाव में जब्‍त हुई थी. इसके अलावा, भारतीय जनसंघ के चार, सीपीआई के 24, प्रजा सोशलिस्‍ट पार्टी के 55 और क्षेत्रीय दलों के 40 उम्‍मीदवारों की इस चुनाव में जमानत जब्‍त हो गई थी.

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