विद्या बालनच्या अदावर सर्व फिदा

Updated: Jun 20, 2012, 08:25 AM IST

www.24taas.com,मुंबई
 
माझं नाव आहे विद्या. तुम्ही बिद्या असं नका लिहू, अशी विनंती अभिनेत्री विद्या बालनला करावी लागली आहे. कारण  आपल्या नव्या 'कहानी' चित्रपटात
बिद्या नहीं विद्या लिखिए, मेरा नाम विद्या है… फिल्म ‘कहानी’ में अपने नाम को लेकर विद्या बालन की यही परेशानी रहती है क्योंकि बंगाल में उनके नाम को सभी ऐसे ही पुकारते हैं। नाम को छोड़िए, अगर नाम में ही सब कुछ रखा होता तो 3 इडियटस् के रणछोड़ दास श्यामल दास चांचड़ उर्फ रैंचो को भी सोचना पड़ता। अब काम पर गौर कीजिए, फिल्म समीक्षकों ने ‘द डर्टी पिक्चर’ से ज्यादा विद्या बालन की समीक्षा की और कहा कि कुछ ज्यादा ही बोल्ड हो गई है यह बाला। कहने के लिए तो लोगों ने उन्हें 2011 में प्रदर्शित ‘नो वन किल्ड जेसिका’ में बहन जी तक कह दिया था। बात तो यहां तक सुनने को मिली कि अब विद्या में दम नहीं है। लेकिन फिलहाल विद्या क्या हैं, यह जानने से ज्यादा सुनने की जरूरत है। अगर जानना ही है तो शाहरुख से लेकर सुभाष घई और अमिताभ से लेकर अन्नु मलिक तक से पूछिए, सब एक ही बात कहेंगे, वो तो अद्भुत हैं !
 
कहने की जरूरत नहीं कि जो मुकाम विद्या बालन ने पाया है वह उनकी मेहनत और दमदार अभिनय का ही कमाल है। कभी भी परेशान न होकर सब सुन लेने वाली विद्या आज बोल्ड, बिंदास और ब्यूटीफुल हो गई हैं। बहुत कम देखने को मिलता है कि साल के लगभग सभी फिल्मी अवॉर्ड शो में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का खिताब एक ही बाला को मिला हो। यह 1990 के दशक में खूब देखने को मिलता था कि एक फिल्म और हीरो-हीरोइन को सारे पुरस्कार दिए गए हो। अब समय गला काट और प्रचार प्रतियोगिता का है। जब सभी लोग बड़े बैनर की तरफ भाग रहे हों और निर्माता करोड़ों देकर अभिनेत्रियों को मना रहे हों, ऐसे समय में विद्या एक बदलाव लेकर आई हैं। एक फिल्म को हीरो के बिना हिट कराना बड़ी बात होती है।  विद्या ने न केवल वाहवाही बटोरी बल्कि यह भी साबित कर दिखाया कि फिल्म को हिट कराने के लिए उन्हें किसी हीरो की जरूरत नहीं हैं।
 
आलोचक भले यह कहें कि विद्या ने डर्टी पिक्चर से बोल्डनेस को बढ़ावा दिया है पर सच तो यह है कि विद्या ने अदा के साथ-साथ कला को भी अपनाया है। अगर यह सच नहीं है तो तमाम बी ग्रेड की फिल्में धमाल मचा रही होती और उन्हें भी राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जाता। दरअसल विद्या बालन ने एक जुनून को सामने लाया है। अभिनेता से लेकर अभिनेत्रियां सब इसकी कायल हैं। खुद शाहरुख खान ने एक आवॉर्ड शो में कहा कि मैं विद्या के साथ काम करना चाहता हूं। आज हर अभिनेत्री ‘डर्टी’ होने को तैयार है और पिक्चर में आना सभी की ख्वाहिश।
 
विद्या का बंगाल से कनेक्शन 2003 में शुरु हुआ जब उन्होंने गौतम हलधर द्वारा निर्देशित एक बंगाली फिल्म ‘भालो थेको’ में काम किया। हालांकि उनका जन्म केरल के पालक्कड़ जिले में हुआ और तत्कालीन बंबई महानगर में उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनके पिता पी.आर. बालन ईटीसी चैनल के वाइस प्रेसिडेंट हैं। इसके बाद फिर उन्होंने दक्षिण का रूख किया कुछ एड फिल्मों और एल्बम में काम किया। विधु विनोद चोपड़ा की ‘परिणीता’  से बॉलीवुड में धमाल मचाने वाली विद्या को इस फिल्म को पाने के लिए 65 पापड़ बेलने पड़े थे, यानी विधु विनोद चोपड़ा ने उनका 65 से भी ज्यादा स्क्रीन और लुक टेस्ट लिया था। इसी का परिणाम था कि उन्हे इसके लिए सर्वश्रेष्ठ नवोदित कलाकार का पुरस्कार भी मिला।      
 
  
इसके बाद तो फिल्म इंडस्ट्री में विद्या को एक नई नारी के रूप में देखा जाने लगा। परिणीता, लगे रहो मुन्ना भाई, गुरु, पा,  इश्किया, नो वन किल्ड जेसिका, द डर्टी पिक्चर और कहानी कुछ ऐसी फिल्में हैं जिसमें उनके अभिनय ने लोगों पर अपनी छाप छोड़ी। फिर किस्मत कनेक्शन, सलाम-ए-इश्क, हल्ला बोल, एकलव्य और दस कहानियां जैसी असफल कड़ियों से भी नाम जुड़ा। गौर कीजिए कि कैटरीना, करीना, प्रियंका, बिपाशा और दीपिका के दौर में अचानक से अपनी नई कहानी रचने वाली यह बालन अगर एक नया ट्रेंड चला अपने समकक्ष को ऐसा करने पर मजबूर कर देती हैं तो इससे बड़ी उपलब्धि क्या हो सकती है। चाहे यह बोल्डनेस बवाल ही क्यों न करा दे, क्योंकि आज विद्या तो एक अदा है।